जाने क्या है भारतीय SSC की इतिहास-

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की स्थापना 1975 में हुई थी, जिसे शुरू में अधीनस्थ सेवा आयोग के नाम से जाना जाता था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ग्रुप ‘B’ और ग्रुप ‘C’ पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती करना है। 1977 में, इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग (SSC) कर दिया गया।

SSC की शुरुआत के पीछे मुख्य विचार यह था कि सरकारी संस्थानों में योग्य और सक्षम उम्मीदवारों की भर्ती की जा सके, जो प्रशासनिक और तकनीकी सेवाओं में योगदान दे सकें। पहले, यह आयोग केवल निचले स्तर की नौकरियों के लिए भर्ती करता था, लेकिन समय के साथ इसकी भूमिका का विस्तार हुआ और अब यह विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षाओं के माध्यम से लाखों युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करता है।

SSC की कुछ प्रमुख परीक्षाएं हैं – संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL), संयुक्त उच्च माध्यमिक स्तर परीक्षा (CHSL), जूनियर इंजीनियर (JE), केंद्रीय पुलिस संगठन (CPO) और मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS)। इन परीक्षाओं के माध्यम से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

वर्षों में SSC ने अपनी प्रक्रिया को डिजिटलीकरण की ओर बढ़ाया है, जिससे ऑनलाइन आवेदन, कंप्यूटर आधारित परीक्षा और पारदर्शिता में वृद्धि हुई है। यह आयोग सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है।

आज, SSC का योगदान भारत के रोजगार ढांचे में अहम है, जहां हर साल लाखों उम्मीदवार अपने सपनों को साकार करने के लिए इसकी परीक्षाओं में भाग लेते हैं।

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