राजीव मोटवानी, एक भारतीय मूल के इंसान थे गूगल सर्च इंजन पर लिखे गए रिसर्च पेपर के गाइड, रहस्यमयी स्थितियों में हुई थी मौत

गूगल सर्च इंजन हर इंसान के जीवन का हिस्सा है हम सभी तरह के सर्च के लिए गूगल पर निर्भर होते हैं

लेकिन सर्च मार्किट में आने से पहले ये एक पीएचडी रिसर्च प्रोजेक्ट था जिस पर लैरी पेज और सेर्गेई ब्रिन नाम के दो स्टूडेंट्स काम कर रहे थे

आज ये दो युवा गूगल के को फाउंडर्स भी हैं

हर पीएचडी प्रोजेक्ट के लिए एक गाइड होता है, जब लैरी और सेर्गेई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे थे तो राजीव मोटवानी नाम के काबिल प्रोफेसर इनके गाइड थे जिन्होंने काफी योगदान दिया इस रिसर्च में

गूगल के ओरिजिनल रिसर्च पेपर में राजीव को खास जगह दी गयी है और उनकी मदत तो सराहा गया है लेकिन 2009 में राजीव 47 साल की उम्र में ही उनके घर के पूल में मृत पाए गए और उनकी मौत का रहस्य आज भी नहीं सुलझ पाया है

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