1980 से इस जगह पर धधक रही है,आग कोई बुझा नहीं सका, इसे डोर टू हेल कहते हैं

तुर्कमेनिस्तान में एक जगह है जिसे दरवाज़ा गैस क्रेटर कहते हैं क्रेटर का मतलब गड्ढा होता है

इस गड्डे में हज़ारो नेचुरल गैसेस की वजह से हमेश आग धधकती है

कहा जाता है के सोवियत सइंटिस्टों की एक गलती की वजह से यहाँ आग लग गयी

यहाँ आग 1980 से धधक रही है ये पूरा नज़ारा काफी भयानक है और बिलकुल एक नर्क की तरह नज़र आता है

जॉर्ज कॉरोनिस ये एक एडवेंचरर हैं जो पहली बार इस गढे में उतरे थे

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